यहाँ अंकुर उद्योग से थोड़ी बेहतर मजदूरी मिलती थी लेकिन काम की परिस्थितियाँ उससे भी खराब थीं।
2.
देश में पत्रकारों के लिए काम की परिस्थितियाँ अत्यन्त विषम हो गयी हैं और उनका उत्पीड़न आम बात हो गयी है।
3.
सेवा की शर्तें और काम की परिस्थितियाँ, आज की-सी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के न होने पर भी, आज के मुकाबले बहुत-बहुत बेहतर थीं।
4.
आज मजदूर वर्ग की लड़ाई के कई नारे (काम के घण्टे, काम की परिस्थितियाँ, बुनियादी सुविधाएँ, सामाजिक सुरक्षा आदि) भले ही वही हों, लेकिन लड़ाई की जमीन बदल गयी है और परिप्रेक्ष्य बदल गया है।